प्रकृति मां
प्रकृति मां सबसे सुन्दर हैं. मेरी कोशिश है मैं उनकी खूबसूरती को अपनी स्मृतियों में बसा लूँ.
Wednesday, 6 August, 2014
Friday, 20 June, 2014
Monday, 16 June, 2014
Monday, 30 December, 2013
Friday, 13 December, 2013
Sunday, 17 November, 2013
Tuesday, 10 September, 2013
Tuesday, 5 March, 2013
आने लगा ऋतुराज, 'प्योंली' के साथ ही 'किल्मोड़ा' भी लगा खिलखिलाने....


दोस्तो, न हमें अपने ही प्यार से सहेजे जाने वाले अंग (बांए या दांए अंग, क्योंकि हमारे यहां महिलाओं को पुरुषों का बामांग कहा जाता है) को नुकसान पहुंचाना है, और न हत्यारे को उकसाकर अपनी हत्या करवाने और फिर उसे फांसी दिलवाने से संतुष्ट होने की खुशी प्राप्त करनी है। क्योंकि यह किसी की हार-जीत का प्रश्न नहीं, हम महिला-पुरुष जीवन के साथ ही परिवार, समाज, देश व दुनिया की गाड़ी के दो पहिए हैं। कोई भी पहिया टूटेगा तो जीवन टूटेगा, देश की साख कमजोर होगी। इसलिए क्यों न हम दोनों महिला-पुरुष मौजूदा दौर में हमारे और हमारे देश की प्रतिष्ठा के बीच खोदी जा रही खाई का पाटकर आज प्रेम के पर्व ‘वसंत पंचमी’ पर खिले फूलों की तरह अपनी कमियों को दूर करते हुए अपने प्यार को खिलाकर एक बेहतर दुनिया का निर्माण करें।
Saturday, 22 December, 2012
Wednesday, 28 November, 2012
Sunday, 30 September, 2012
Friday, 14 September, 2012
Saturday, 21 July, 2012
Monday, 9 July, 2012
Sunday, 8 April, 2012
Thursday, 22 March, 2012
मधुमास के आते ही ....
मधुमास के आते ही प्रकृति के स्वर्ग कही जाने वाली सरोवरनगरी में मधु के प्रेमी भंवरों की मानो पौ-बारह है। इन दिनों वे एक-एक कली पर जाकर मंडराते हैं, सबका स्वाद लेते हैं। स्वाद भाया तभी वहां कुछ देर ठहरते हैं, अन्यथा किसी दूसरे फूल की ओर जा उड़ते हैं। नगर कोतवाली के पास खिले इस पुलम के इस पेड़ पर मंडरा रहे इस नटखट भंवरे के इरादे भी कुछ ऐसे ही लगते हैं।
Sunday, 18 March, 2012
बुरांश-Rhododendron: The Flower on State Tree of Uttarakhand (India)
बुरांश पर और विस्तार से पढ़ें @ कफुवा, प्योंली संग मुस्काया शरद, बसंत शंशय में
लेबल:
Buransh,
Rhododendron
Tuesday, 28 February, 2012
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