Tuesday 10 September, 2013

Godess Nanda Devi on a Natural Rock (पर्वत पर उभरी पर्वत पुत्री माता नंदा)



मां नयना की नगरी नैनीताल में नंदा देवी महोत्सव-2013 के शुभ अवसर पर पर्वत पर उभरी पर्वत पुत्री माता नंदा की पर्वताकार प्रतिकृति … 

Tuesday 5 March, 2013

आने लगा ऋतुराज, 'प्योंली' के साथ ही 'किल्मोड़ा' भी लगा खिलखिलाने....



दोस्तो, हम ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमन्ते तत्र देवताः’ का संदेश देने वाले संभवतया दुनिया के इकलौते देश के वासी हैं। बावजूद, हमारे देश में बीते दिनों ‘नैतिक शिक्षा’ के ह्रास सहित अन्य कारणों से हमें शर्मशार होना पड़ा है, बावजूद हम ही हैं, जहां लोग ‘दामिनी’ मामले के बाद ही सही ‘एक हद तक’ जागे भी हैं। बावजूद, हमारे यहां ऐसी आवाजें बहुत जोर-शोर से उठ रही हैं, जिनसे ‘वेलेंटाइन-डे’ के बाद भी महिला-पुरुषों के बीच प्रेम कम, नफरत का भाव पैदा करने जैसी कोशिश अधिक दिखती है। मानो हमारे यहां महिला अपराध सर्वाधिक हैं। इससे देश की छवि दुनिया में खराब हो रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ पिछली घटना पर कड़ी टिप्पणी कर चुका है। ऐसे लोग क्या बताएंगे कि दुनिया के किस देश में भारत से अधिक महिलाओं का सम्मान होता है, और कहां ‘मातृसत्तात्मक व्यवस्था’ चलती है ?
दोस्तो, न हमें अपने ही प्यार से सहेजे जाने वाले अंग (बांए या दांए अंग, क्योंकि हमारे यहां महिलाओं को पुरुषों का बामांग कहा जाता है) को नुकसान पहुंचाना है, और न हत्यारे को उकसाकर अपनी हत्या करवाने और फिर उसे फांसी दिलवाने से संतुष्ट होने की खुशी प्राप्त करनी है। क्योंकि यह किसी की हार-जीत का प्रश्न नहीं, हम महिला-पुरुष जीवन के साथ ही परिवार, समाज, देश व दुनिया की गाड़ी के दो पहिए हैं। कोई भी पहिया टूटेगा तो जीवन टूटेगा, देश की साख कमजोर होगी। इसलिए क्यों न हम दोनों महिला-पुरुष मौजूदा दौर में हमारे और हमारे देश की प्रतिष्ठा के बीच खोदी जा रही खाई का पाटकर आज प्रेम के पर्व ‘वसंत पंचमी’ पर खिले फूलों की तरह अपनी कमियों को दूर करते हुए अपने प्यार को खिलाकर एक बेहतर दुनिया का निर्माण करें।

Thursday 22 March, 2012

मधुमास के आते ही ....


मधुमास के आते ही प्रकृति के स्वर्ग कही जाने वाली सरोवरनगरी में मधु के प्रेमी भंवरों की मानो पौ-बारह है। इन दिनों वे एक-एक कली पर जाकर मंडराते हैं, सबका स्वाद लेते हैं। स्वाद भाया तभी वहां कुछ देर ठहरते हैं, अन्यथा किसी दूसरे फूल की ओर जा उड़ते हैं। नगर कोतवाली के पास खिले इस पुलम के इस पेड़ पर मंडरा रहे इस नटखट भंवरे के इरादे भी कुछ ऐसे ही लगते हैं।

Thursday 9 February, 2012

कभी हम भी गुलजार थे.... (Sometimes we were buzzing ....)

पहाड़ में इस तरह बंजर हो रहे हैं घर....

Sunday 5 February, 2012

Nature from Eco-Tourism Destination-Maheshkhan (Nainital)

Natures Untouched beauty at Maheshkhan
Rain drops on a Pine tree

Bamboo Huts at Maheshkhan

Interior of Bamboo Huts at Maheshkhan

Interior of Bamboo Huts at Maheshkhan


On the way to Maheshkhan

Natures Untouched beauty at Maheshkhan
Maheshkhan : Nature's Untouched beauty

Saturday 22 October, 2011

तुगलक: पागल नहीं था..(Tughlaq: was not crazy ..)



नैनीताल में प्रदर्शित पीरियड नाटक "तुगलक" की कुछ और फोटो देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
period drama "Tughlaq" displayed in Nainital.  Click here to see some more photos.

Wednesday 7 September, 2011

जगमग-जगमग झिलमिलाती ताल नैनीताल की (Glittering -shimmering Lake of Nainital...)

यह चित्र नैनीताल के १०८ वें विश्व प्रसिद्द नंदा महोत्सव के दौरान लिया गया है. महोत्सव की कुछ और फोटो यहाँ क्लिक करके देखी जा सकती हैं.
This picture was taken during Nainital's world famous 108th world famous "Nanda Devi" Festival. Some more photos of the Festival can be viewed by clicking here.